Rajpurohit

Rajpurohit

Rajpurohit Samaj
राजपुरोहित (राजपुरोहित) के एक उपसमूह में अपनी जड़ों के साथ हिंदू(ब्राह्मण, ब्राह्मणः) के भारत में (से महान प्रतिष्ठित भारतीय साधु वैदिक युग). वे सबसे पुराना रूप माना जाता है जो भारत में प्राचीन युग के बाद से राज्य के शासक वर्ग के साथ जुड़े थे. के रूप में केवल एक परंपरा Rajpurohits के धार्मिक संस्कार और कर्तव्यों के शीर्षक में शामिल नहीं थे,read more








राजपुरोहित जाति कि गौत, गौत्र, और कूलदेवी


श्री गणेशाय नम: श्री खेतेश्वराय नम: जय कूलदेवी री गौत 1. जागरवाल गैत्र वशिष्ट कूलदेवी ज्वाला देवी इनका प्रमुख मन्दिर हिमाचल मे हैँ । 2 राजगुरू 3 मदपङ 4 अजारियो 5 बाडमेरा 6 सांचौरा 7 सणपरा 8 बोरा 9 सिलोँरा 10 पिण्डिया 11 ओझा 12सटियातर 13 पादरेसा 14 फोणरिया 15 वीरपुरा 16 गोमठ 17 कोठारिया 18 भंवरिया 19 सिरवाङा 20 भडतिया 21 खापरोला 22 खोणेसा 23 भाटरामा 24 झांटिया 25 भाडलिया इन सब का गौत्र वशिष्ट और कूलदेवी अरबूदा देवी ( सरस्वती माता ) है । इनका प्रमूख मन्दिर अंजारी मेँ है । और ये सब के सब राजगुरु मेँ से निकले है । मैं बलवन्त राजगुरू ( सिलौरा ) कोलासर चूरू 26 गौत सिँधप गौत्र वशिष्ट कूलदेवी माँ हिँगलाज । 27 गौत रूधवा गौत्र वशिष्ट कूलदेवी सुंधा माता । 28 गौत सेवङ गौत्र भरव्दाज वरदेवि बीसहत्थ माता इनके प्रमुख मन्दिर है । जैसे टूकलिया , तोलियासर, पिरौतासणी , और सटिकय में सबसे पुराना मन्दिर है। जो भाटि राजपुतो द्वारा निर्मित है । एक मन्दिर बङली है । में भी है । यह वही बङली है जहाँ सेवङ शब्द कि उत्पति हुई थी । बुजुर्गो के अनुसार सेवङो कि कूलदेवी नाग्णेच्या माता है । इनकि पेदाइसि कन्नोज से है । सेवङो मे तीन खांप है । 1 - अखेराजोत 2 - कान्नौत 3 - मूलावत और इन सेवङ जागीदारो को ही सबसे ज्यादा गाँव जागीरी मे मिले है । और जो पुरोहितो को आगे राज लगाने कि जो पदवी मिली थी वो इन्ही जागीदारो को मिलि थी । राजपुरोहित जाति के आगे सिंह कि पदवी इन्हि जागीरदारो को मिलि है ।। और इनके गौत्र को काफी लोग भारव्दाज भी बोलते है । मगर वास्तव में देखे तो इनका गौत्र भरव्दाज ही है 29 गौत गुन्देशा / गुन्देचा गौत्र भरव्दाज कूलदेवी रोहिणी माता । 30 गौत मूंथा गौत्र भरव्दाज और काफी जगह पर पीपलाद भी सुना है इसलिए जो मूंथा जागीदार है वो अपना गौत्र मुझे बताए । इनकि कूलदेवी रोहिणी माता है । 31 गौत सांथूआ गैत्र भरव्दाज कूलदेवी वराही माता । 32 गौत पेसव गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता । 33 गौत पल्लिवाल गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता । 34 गौत जरगानिया गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता । 35 गौत केवाणसा गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता । 36 गौत बोथिया गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता । 37 गौत सेलरवार गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता । 38 गौत सोडा गौत्र भारव्दाज कूलदेवी चक्रेश्वरी माता । 39 गौत रायगुरू गौत्र पिपलाद कूलदेवी आशापुरा माता इनका मन्दिर नाडोल मेँ हैँ । 40 गौत नन्दवाणा गौत्र पिपलाद कूलदेवी वाकल माता । 41 गौत मनणा गौत्र गौतम कूलदेवी जोगमाया ।Read More

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