श्री
गणेशाय नम:
श्री खेतेश्वराय नम:
जय कूलदेवी री
गौत 1. जागरवाल
गैत्र वशिष्ट कूलदेवी ज्वाला देवी इनका प्रमुख मन्दिर हिमाचल मे हैँ ।
2 राजगुरू
3 मदपङ 4 अजारियो 5 बाडमेरा 6 सांचौरा 7 सणपरा 8 बोरा 9 सिलोँरा 10
पिण्डिया 11 ओझा 12सटियातर 13 पादरेसा 14 फोणरिया 15 वीरपुरा 16 गोमठ 17
कोठारिया 18 भंवरिया 19 सिरवाङा 20 भडतिया 21 खापरोला 22 खोणेसा 23 भाटरामा
24 झांटिया 25 भाडलिया
इन सब का गौत्र वशिष्ट और कूलदेवी अरबूदा देवी ( सरस्वती माता ) है । इनका
प्रमूख मन्दिर अंजारी मेँ है । और ये सब के सब राजगुरु मेँ से निकले है । मैं बलवन्त राजगुरू ( सिलौरा ) कोलासर चूरू
26 गौत सिँधप गौत्र वशिष्ट कूलदेवी माँ हिँगलाज ।
27 गौत रूधवा गौत्र वशिष्ट कूलदेवी सुंधा माता ।
28 गौत सेवङ गौत्र भरव्दाज वरदेवि बीसहत्थ माता इनके प्रमुख मन्दिर है ।
जैसे टूकलिया , तोलियासर, पिरौतासणी , और सटिकय में सबसे पुराना मन्दिर है।
जो भाटि राजपुतो द्वारा निर्मित है ।
एक मन्दिर बङली है । में भी है ।
यह वही बङली है जहाँ सेवङ शब्द कि उत्पति हुई थी ।
बुजुर्गो के अनुसार सेवङो कि कूलदेवी नाग्णेच्या माता है ।
इनकि पेदाइसि कन्नोज से है ।
सेवङो मे तीन खांप है ।
1 - अखेराजोत 2 - कान्नौत 3 - मूलावत
और इन सेवङ जागीदारो को ही सबसे ज्यादा गाँव जागीरी मे मिले है । और जो
पुरोहितो को आगे राज लगाने कि जो पदवी मिली थी वो इन्ही जागीदारो को मिलि
थी ।
राजपुरोहित जाति के आगे सिंह कि पदवी इन्हि जागीरदारो को मिलि है ।।
और इनके गौत्र को काफी लोग भारव्दाज भी बोलते है । मगर वास्तव में देखे तो
इनका गौत्र भरव्दाज ही है
29 गौत गुन्देशा / गुन्देचा गौत्र भरव्दाज कूलदेवी रोहिणी माता ।
30 गौत मूंथा गौत्र भरव्दाज और काफी जगह पर पीपलाद भी सुना है इसलिए जो
मूंथा जागीदार है वो अपना गौत्र मुझे बताए । इनकि कूलदेवी रोहिणी माता है ।
31 गौत सांथूआ गैत्र भरव्दाज कूलदेवी वराही माता ।
32 गौत पेसव गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
33 गौत पल्लिवाल गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
34 गौत जरगानिया गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
35 गौत केवाणसा गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
36 गौत बोथिया गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
37 गौत सेलरवार गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
38 गौत सोडा गौत्र भारव्दाज कूलदेवी चक्रेश्वरी माता ।
39 गौत रायगुरू गौत्र पिपलाद कूलदेवी आशापुरा माता इनका मन्दिर नाडोल मेँ
हैँ ।
40 गौत नन्दवाणा गौत्र पिपलाद कूलदेवी वाकल माता ।
41 गौत मनणा गौत्र गौतम कूलदेवी जोगमाया ।
हमारे बडेरो के अनुसार मनणा जागीदार सब जागीदारो से बङे है ।
42 गौत महियाल गौत्र गौतम कूलदेवी जोगमाया ।
43 गौत सिया / सिहा गौत्र पारासर कूलदेवी जोगमाया ।
44 गौत हाथला गौत्र पारासर कूलदेवी जोगमाया ।
45 गौत सेपाऊ गौत्र पारासर कूलदेवी माँ हिँगलाज ।
46 गौत पाँचलोङ गौत्र पारासर कूलदेवी माँ चाँमुण्डा ।
47 गौत चावण्डिया गौत्र पारासर कूलदेवी माँ चाँमुण्डा ।
48 गौत उदेश / उदिच गौत्र उदालक कूलदेवी ममाई माता ।
यह वही उदेश जाति है । जिसमे राजपुरोहित समाज के तारणहार श्री खेतेश्वर
दाता ने अवतार लिया था ।।
49 गौत फांदर गौत्र उदालक कूलदेवी ब्राम्हाणी माता ।
50 गौत लखावा गौत उदालक कूलदेवी ब्राम्हणी माता ।
51 गौत केशरिया गौत्र उदालक कूलदेवी मम्माई माता ।
52 रावल 53 पङत 54 कुचला 55 कोसाणा 56 सुरासा 57 बुझङ 58 कणेरिया 59
ढमढमिया 60 गलतरा 61 धौलिया 62 धान्ता 63 तरवरी 64 बलवंसा 65 मैथाना 66
बारसा 67 लुहारिया 68 भापङिया 69 सिँगला 70 अडवासला 71 नराणसा 72 इटीवाल 73
पीपाडा 74 आगलवाल 75 सोमङा 76 डावियाल ।
इन सब के गौत्र उदालक और कूलदेवी मम्माई माता है ।
77 गौत मढवी गौत्र उदालक कूलदेवी सुन्धामाता ।
78 लुणतरा 79 गैवाल 80 त्राम्बकोटी 81 नानीवाल 82 सणवेच 83 भैथडिया 84
भीमतर 85 पणयसा 86 मकवाणा / मकोणा 87 खौवण्डा 88 गोमठ 89 कुंण्डला 90 आदेश ।
इन सब का गौत्र उदालक और कूलदेवी सुन्धामाता है ।
91 गौत नेतङ गौत्र उदालक कूलदेवी वाकलमाता ।
92 गौत व्यास गौत्र शांडिल्य कूलदेवी महालक्ष्मी माता भिनमाल ।
93 शंखवालचा 94 वांसाडिया 95 धींगङा ।
इन सभी का एक ही गौत्र है शांडिल्य और कूलदेवी महालक्ष्मी माता भिनमाल है ।
96 गौत जोशी गौत्र शांडिल्य कूलदेवी क्षेँमकरी माता / खीमत माता
97 दूदावत 98 लोपल 99 लाफा 100 बांकलिया 101 हलसिया 102 कत्वा 103 केदारिया
104 जोई 105 आकसेरिया 106 भगत 107 सेवलिया 108 पालडिया 109 विट्ठला 110
धमानिया 111 दादाला 112 सोरडिया 113 इस्मालिया जोशी 114 वरमाणा 115 ओझा 116
असवारिया 117 पांथावडिया 118 टिटोँपा 119 कोलवाडिया 120 भडवला 121 भमाणा
122 बोटी 123 गोमोठ 124 समोसा 125 कांकरेसा 126 नानिवाल 127 भाखरिया 128
रायथला । इन सभी का एक ही गौत्र शांडिल्य और कूलदेवी क्षेँमकरी माता है ।
129 गौत गोरखा गौत कश्यप कूलदेवी जोगमाया है ।
130 श्रीगौङ 131 श्री गर 132 डिँगरी 133 थानक 134 सौथङा 135 मंथर 136 मावा
137 मोढ 138 आसल 139 गौलेसा 140 रोहङ 141 परोत 142 बगईया 143 बागडिया 144
कनङ 145 श्री राव 146 नागदा ब्राम्हण 147 सेवक 148 पुजारा 149 पोकरणा ।
इन सब का एक ही गौत्र कश्यप और कूलदेवी जोगमाया है ।
इन के अलावा कोइ राजपुरोहित जाति कि गौत मेरे से भूल से रह गई हो तो बता दे
और यदि किसी प्रकार कि गलती हो तो भी बता देँ ॥
जय श्री रघुनाथ जी री सा
RAJPUROHIT DARPAN
गणेशाय नम:
श्री खेतेश्वराय नम:
जय कूलदेवी री
गौत 1. जागरवाल
गैत्र वशिष्ट कूलदेवी ज्वाला देवी इनका प्रमुख मन्दिर हिमाचल मे हैँ ।
2 राजगुरू
3 मदपङ 4 अजारियो 5 बाडमेरा 6 सांचौरा 7 सणपरा 8 बोरा 9 सिलोँरा 10
पिण्डिया 11 ओझा 12सटियातर 13 पादरेसा 14 फोणरिया 15 वीरपुरा 16 गोमठ 17
कोठारिया 18 भंवरिया 19 सिरवाङा 20 भडतिया 21 खापरोला 22 खोणेसा 23 भाटरामा
24 झांटिया 25 भाडलिया
इन सब का गौत्र वशिष्ट और कूलदेवी अरबूदा देवी ( सरस्वती माता ) है । इनका
प्रमूख मन्दिर अंजारी मेँ है । और ये सब के सब राजगुरु मेँ से निकले है । मैं बलवन्त राजगुरू ( सिलौरा ) कोलासर चूरू
26 गौत सिँधप गौत्र वशिष्ट कूलदेवी माँ हिँगलाज ।
27 गौत रूधवा गौत्र वशिष्ट कूलदेवी सुंधा माता ।
28 गौत सेवङ गौत्र भरव्दाज वरदेवि बीसहत्थ माता इनके प्रमुख मन्दिर है ।
जैसे टूकलिया , तोलियासर, पिरौतासणी , और सटिकय में सबसे पुराना मन्दिर है।
जो भाटि राजपुतो द्वारा निर्मित है ।
एक मन्दिर बङली है । में भी है ।
यह वही बङली है जहाँ सेवङ शब्द कि उत्पति हुई थी ।
बुजुर्गो के अनुसार सेवङो कि कूलदेवी नाग्णेच्या माता है ।
इनकि पेदाइसि कन्नोज से है ।
सेवङो मे तीन खांप है ।
1 - अखेराजोत 2 - कान्नौत 3 - मूलावत
और इन सेवङ जागीदारो को ही सबसे ज्यादा गाँव जागीरी मे मिले है । और जो
पुरोहितो को आगे राज लगाने कि जो पदवी मिली थी वो इन्ही जागीदारो को मिलि
थी ।
राजपुरोहित जाति के आगे सिंह कि पदवी इन्हि जागीरदारो को मिलि है ।।
और इनके गौत्र को काफी लोग भारव्दाज भी बोलते है । मगर वास्तव में देखे तो
इनका गौत्र भरव्दाज ही है
29 गौत गुन्देशा / गुन्देचा गौत्र भरव्दाज कूलदेवी रोहिणी माता ।
30 गौत मूंथा गौत्र भरव्दाज और काफी जगह पर पीपलाद भी सुना है इसलिए जो
मूंथा जागीदार है वो अपना गौत्र मुझे बताए । इनकि कूलदेवी रोहिणी माता है ।
31 गौत सांथूआ गैत्र भरव्दाज कूलदेवी वराही माता ।
32 गौत पेसव गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
33 गौत पल्लिवाल गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
34 गौत जरगानिया गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
35 गौत केवाणसा गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
36 गौत बोथिया गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
37 गौत सेलरवार गौत्र भरव्दाज कूलदेवी ब्रम्हाणी माता ।
38 गौत सोडा गौत्र भारव्दाज कूलदेवी चक्रेश्वरी माता ।
39 गौत रायगुरू गौत्र पिपलाद कूलदेवी आशापुरा माता इनका मन्दिर नाडोल मेँ
हैँ ।
40 गौत नन्दवाणा गौत्र पिपलाद कूलदेवी वाकल माता ।
41 गौत मनणा गौत्र गौतम कूलदेवी जोगमाया ।
हमारे बडेरो के अनुसार मनणा जागीदार सब जागीदारो से बङे है ।
42 गौत महियाल गौत्र गौतम कूलदेवी जोगमाया ।
43 गौत सिया / सिहा गौत्र पारासर कूलदेवी जोगमाया ।
44 गौत हाथला गौत्र पारासर कूलदेवी जोगमाया ।
45 गौत सेपाऊ गौत्र पारासर कूलदेवी माँ हिँगलाज ।
46 गौत पाँचलोङ गौत्र पारासर कूलदेवी माँ चाँमुण्डा ।
47 गौत चावण्डिया गौत्र पारासर कूलदेवी माँ चाँमुण्डा ।
48 गौत उदेश / उदिच गौत्र उदालक कूलदेवी ममाई माता ।
यह वही उदेश जाति है । जिसमे राजपुरोहित समाज के तारणहार श्री खेतेश्वर
दाता ने अवतार लिया था ।।
49 गौत फांदर गौत्र उदालक कूलदेवी ब्राम्हाणी माता ।
50 गौत लखावा गौत उदालक कूलदेवी ब्राम्हणी माता ।
51 गौत केशरिया गौत्र उदालक कूलदेवी मम्माई माता ।
52 रावल 53 पङत 54 कुचला 55 कोसाणा 56 सुरासा 57 बुझङ 58 कणेरिया 59
ढमढमिया 60 गलतरा 61 धौलिया 62 धान्ता 63 तरवरी 64 बलवंसा 65 मैथाना 66
बारसा 67 लुहारिया 68 भापङिया 69 सिँगला 70 अडवासला 71 नराणसा 72 इटीवाल 73
पीपाडा 74 आगलवाल 75 सोमङा 76 डावियाल ।
इन सब के गौत्र उदालक और कूलदेवी मम्माई माता है ।
77 गौत मढवी गौत्र उदालक कूलदेवी सुन्धामाता ।
78 लुणतरा 79 गैवाल 80 त्राम्बकोटी 81 नानीवाल 82 सणवेच 83 भैथडिया 84
भीमतर 85 पणयसा 86 मकवाणा / मकोणा 87 खौवण्डा 88 गोमठ 89 कुंण्डला 90 आदेश ।
इन सब का गौत्र उदालक और कूलदेवी सुन्धामाता है ।
91 गौत नेतङ गौत्र उदालक कूलदेवी वाकलमाता ।
92 गौत व्यास गौत्र शांडिल्य कूलदेवी महालक्ष्मी माता भिनमाल ।
93 शंखवालचा 94 वांसाडिया 95 धींगङा ।
इन सभी का एक ही गौत्र है शांडिल्य और कूलदेवी महालक्ष्मी माता भिनमाल है ।
96 गौत जोशी गौत्र शांडिल्य कूलदेवी क्षेँमकरी माता / खीमत माता
97 दूदावत 98 लोपल 99 लाफा 100 बांकलिया 101 हलसिया 102 कत्वा 103 केदारिया
104 जोई 105 आकसेरिया 106 भगत 107 सेवलिया 108 पालडिया 109 विट्ठला 110
धमानिया 111 दादाला 112 सोरडिया 113 इस्मालिया जोशी 114 वरमाणा 115 ओझा 116
असवारिया 117 पांथावडिया 118 टिटोँपा 119 कोलवाडिया 120 भडवला 121 भमाणा
122 बोटी 123 गोमोठ 124 समोसा 125 कांकरेसा 126 नानिवाल 127 भाखरिया 128
रायथला । इन सभी का एक ही गौत्र शांडिल्य और कूलदेवी क्षेँमकरी माता है ।
129 गौत गोरखा गौत कश्यप कूलदेवी जोगमाया है ।
130 श्रीगौङ 131 श्री गर 132 डिँगरी 133 थानक 134 सौथङा 135 मंथर 136 मावा
137 मोढ 138 आसल 139 गौलेसा 140 रोहङ 141 परोत 142 बगईया 143 बागडिया 144
कनङ 145 श्री राव 146 नागदा ब्राम्हण 147 सेवक 148 पुजारा 149 पोकरणा ।
इन सब का एक ही गौत्र कश्यप और कूलदेवी जोगमाया है ।
इन के अलावा कोइ राजपुरोहित जाति कि गौत मेरे से भूल से रह गई हो तो बता दे
और यदि किसी प्रकार कि गलती हो तो भी बता देँ ॥
जय श्री रघुनाथ जी री सा
RAJPUROHIT DARPAN
Good
ReplyDelete9983760581
soda rajpurohit ki goth btao ji
ReplyDeleteभरद्वाज
DeleteGood history
ReplyDeleteSrigod sarnoni ki kuldevi bathaye contact 9443596907
ReplyDeleteरोहड़ राजपुरोहित का इतिहास
ReplyDeleteपिणडिया कहा से उठे
ReplyDeleteरदुआ की कुल देवी कौनसी है और ऋषि कौन है
ReplyDeleteचामुण्डा माता ऋषि कोई वशिष्ठ या कोई उद्दालक
DeleteVyas ki kuldevi kon si mata ji h
ReplyDeleteमुझे बहोत ख़ुशी हुई की जिस माँ को पूजा वो ही माँ हमारी माँ कुलदेवी चामुण्डा हैक्योंकि अपने पूर्वजों पर गर्व है कि औरो की तरह कुलदेवी को कंही ना छोड़ कर गए.. वे अपने साथ ही लेकर आये.. और है जिसको पूजा वही कुलदेवी है माँ चामुण्डा प्रमाण ये कि जो वाव में विसर्जित की हुई महादेवजी में विराजमान और वर्तमान में विराजित माँ कुलदेवी का सिर्फ चेहरा ही है सिर्फ चेहरा माँ चामुण्डा का ही घर पूजा जाता है.. पूरा रूप विकराल रूप है राक्षस का वध करते हुए इसलिए इस पुरे रूप को घर में नहीं पूजा जाता था!
ReplyDeleteऔर अपने पूर्वजों ने माँ के साथ दोनों भेरू भी है इसके अलावा नाग रूप में खेतलाजी भी है! जो गोरा भेरू के रूप में पूजे जाते है! ये नाग रूपी खेतलाजी काशी से मंडोर, मंडोर से सोनाना आये ये प्रमाण सोनाना लोक कथाओं में है...
पूरा रूप अपनी माँ ने आदि स्थल लखाव में दर्शन दिए जो विकराल रूप में चण्ड और मुण्ड राक्षस का वध करते हुए
🙏 जय माँ चामुण्डा 🙏